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Wednesday, May 18, 2011

जाओ मुझे नहीं करनी तुमसे कोई बात.....







likh dala hai naam tumhara panno par, 
ro padi to mit jaayegi meri jhooti aas ,

jao mujhe nahi karni aab tumse koi baat.

chhoo jaate ho kyun ahsaas bankar,
kisi din jal kar ban jayungi main rakh.


jao mujhe nahi karni tumse koi baat

katra katra yunhi bikharti rahi agar mai....!
to rah jaayungi ek din main ban kewal laash 


jao mujhe nahi karni tumse koi baat,


milte nahi ho khaayaaalon main bhi theek se,
de jaate ho adhi adhuri pyaaas,


jao mujhe nahi karni tumse koi baat.

kitna sataate ho aa ake khawabon main,
kyun de jaate ho ek tooti hue si आस,



jao mujhe nahi karni tumse koi baat.

kyun jalate ho umeedon ke diye, 
lag jati meri sukhi choukhat par aag.

jao mujhe nahi karni tumse koi baat.
>>>>>>>>>><<<<<<<


लिख डाला है नाम तुम्हारा पन्नो पर ,
रो पड़ी तो मिट जायेगी मेरी झूठी आस,

जाओ मुझे नहीं करनी तुमसे कोई बात,

छू जाते हो क्यूँ अहसास बनकर ,
किसी दिन जलकर बन जयुंगी मैं राख ,

जाओ मुझे नहीं करनी तुमसे कोई बात,

कतरा कतरा यूँही बिखरती रही अगर मैं,
तो रह जयुंगी इक दिन मैं बन केवल लाश ,

जाओ मुझे नहीं करनी तुमसे कोई बात,

मिलते नहीं हो खयालो में भी ठीक से,
दे जाते हो आधी अधूरी प्यास,

जाओ मुझे नहीं करनी तुमसे कोई बात,

कितना सताते हो आ आ के ख्वाबो में,
क्यूँ दे जाते हो टूटी  हुई सी इक आस,

जाओ मुझे नहीं करनी तुमसे कोई बात,

क्यूँ जलाते हो उमीदो के दिए ,
लग जाती हाई मेरी सुखी चौखट पर आग,

जाओ मुझे नहीं करनी तुमसे कोई बात.

[नीलम]

Tuesday, May 3, 2011

चुप हो जा मुझसे मत कहना...




चलते चलते थक गयी हूँ,
कब तू छोड़ गया मेरा साथ ,किसी से मत कहना,
मैं रोयुं जार जार तो चुप हो जा मुझसे मत कहना,

इक उम्मीद तेरे आने की, 
मैं उसमे जलायुं अपने दिन और रात,किसी से मत कहना,
मैं रोयुं जार जार तो चुप हो जा मुझसे मत कहना,

इक दर्द उठा तेरे सीने में,
मेरे दिल के भी है दर्द हज़ार ,किसी से मत कहना,
मैं रोयुं जार जार तो चुप हो जा मुझसे मत कहना,

छलक जाते हैं तेरी आँखों के भी आंसूं ,
मेरी पलकों की बिन बदली बरसात , किसी से मत कहना,
मैं रोयुं जार जार तो चुप हो जा मुझसे मत कहना,

इक करवट उधर तू बदले,
इधर मैं बदलू करवट बार बार, किसी से मत कहना,
मैं रोयुं जार जार तो चुप हो जा मुझसे मत कहना,

इक तनहा चाँद तेरे अंगान का,
मेरे भी आँगन मैं टूटे तारे हज़ार ,किसी से मत कहना,
मैं रोयुं जार जार तो चुप हो जा मुझसे मत कहना,

कब दामन छुटा, कब आस टूटी ,किसी से मत कहना,
ये राज की है बात,ये राज़ किसी से मत कहना,
मैं रोयुं जार जार तो चुप हो जा मुझसे मत कहना,

मैं यूँही बैठी रही तेरी दहलीज़ पर ,
कब ,किस दिन टूटी नीलम की आस, किसी से मत कहना,
मैं रोयुं जार जार तो चुप हो जा मुझसे मत कहना,
[नीलम]