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Thursday, May 14, 2015

रस और प्यास


कवियों के अहसास ,..
जैसे …
रस और प्यास !!!._[नीलम]]_

सरसराहट . . .


तुमने  रख दी ख़ामोशी पन्नो पर ,
देखो, मैंने उठा ली सरसराहट सारी। .-नीलम-