Ek koshish khud ke ahsaason se aapke ahsaason ko shabdon ke jariye chhoo lene ki...
तुम्हारे सारे लफ्ज पुरुष ही तो हैं जो शोर करते हैं भीड में और मेरे लफ्ज स्त्री जो खामोशी में भी सुनते है पसरा हुआ सन्नाटा .
...नीलम..
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