है भी नहीं भी -----
तू मुझसे मिला भी है नहीं भी
तुझसे मुझे गिला भी है नहीं
इस तन्हाई के सफर में
तू साथ चला भी है नहीं भि
वो लहरों का साहिल से मिलना
हुआ भी है नहीं भी
इस पूरनमासी की रात
चांद खिला भी है नहीं भी
कल जो पतझड़ था
वो आज सावन है नहीं भी
जो देखे ख्वाब आंखों ने
वो रात आज भी है नहीं भी
जो बातें मैंने कही तुमसे
वो बातें तुमने सुनी भी है नहीं भी
बदल गई है मेरी शब्दावली
तू मेरा गीत भी है गजल भी
जो कहानी थी मेरी वही
आज तुम्हारी भी है मेरी भी
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