तन्हा तन्हा फिरता हूँ ,
क्यूंकि सुखा पत्ता हूँ,
घर तो लगता अपना ही है,
पर दीवारों से डरता हूँ,
जी रहे हैं सभी यहाँ,
में तो पल पल मरता हूँ,
तुम ठहरे रिश्तों के शहंशाह,
में तो अहसास का पुतला हूँ,
वो बिका तो किसी एक का हो गया ,
में तो बिकने के बाद भी बिकता हूँ,
इक बार जो आया तूफ़ान गुलशन में,
अब तक दर दर भटका हूँ,
नहीं आयूंगा लौट कर कभी बहार में,
फिर भी फुहार की हसरत रखता हूँ,
क्यूंकि सुखा पत्ता हूँ.
Behad khoobsoorti se aapne ek sookhe patte ke dard ko shabdon mein piroya hai.....
ReplyDeleteEeshwar na kare ke kabhi patjhad aaye.....
Shubhkamnaen!
kavita ke badshah ho aap!!
ReplyDeletesukha patta...:)
main to sukha patta hoon..........vasant aate hi har taraf udd kar pahuch jata hoon!!
pahle tha sabke saath........
ab tanha tanha idhar se udhar udta hoon!!
hai na.........neelima jee!!
जी रहे हैं सभी यहाँ,
ReplyDeleteमें तो पल पल मरता हूँ,
तुम ठहरे रिश्तों के शहंशाह,
में तो अहसास का पुतला
अत्यंत मार्मिक एवं संवेदनशील रचना
सार्थक और बेहद खूबसूरत,प्रभावी,उम्दा रचना है..शुभकामनाएं।
ReplyDeleteइक बार जो आया तूफ़ान गुलशन में,
ReplyDeleteअब तक दर दर भटका हूँ,
नहीं आयूंगा लौट कर कभी बहार में,
फिर भी फुहार की हसरत रखता हूँ,
क्यूंकि सुखा पत्ता हूँ.
...Nirasha mein aasha ke bhav bahut gahre utarte hai..
Bhavpurn prastuti ke liye shubhkammnayne
Ashish jee shukriya .
ReplyDeleteMukesh jee..sahi kahte hain aap.
ReplyDeleteRakesh jee..meri kavita ke bhaavon ko samjhne ka bahut bahut shukriya.:)
ReplyDeleteSanjay jee..tahe dil se shukriya.
ReplyDeleteKavita jee aapki shubhkaamnaayon keliye abhaari hoon. shukriya.
ReplyDeletewaah kya matla kaha hai
ReplyDeletebhatka bhatka phirta hun
kamaal
Neelam Ji,
ReplyDeleteNamaste, Bahut Khoob.....
वो बिका तो किसी एक का हो गया ,
में तो बिकने के बाद भी बिकता हूँ,
Surinder Ratti
bahot khuub sher hai, aur bayaan bhi kamaal hai
ReplyDeletebahut achchi rachna.
ReplyDeleteबाला का जोर हवाओं ने डाल रक्खा है
ReplyDeleteमगर चिराग ने लौ को सम्हाल रक्खा है
इश्वर करे ये एहसास हर सूखे पत्ते में सलामत रहे...उसका अकेलापन महसूस हो रहा है नीलू..शायद हर संवेदनशील इंसान आज के दौर में सूखे पत्ते की तरह तनहा ही है ..भाव और अभिव्यक्ति की धनि हैं आप हमेशा से..लिखते रहिये और हम जैसों को पढने का मौका देती रहिये
Shradha jee..shukriya.
ReplyDeleteSurrinder jee..bahut shukriya.:)
ReplyDeletePasha jee..bahut shukriya.
ReplyDeleteMridula jee..bahut bahut dhanyvaad.
ReplyDeleteAnju ..bahut bahut shukriya mera blog join kaarne ke liye bhi aur khoobsurat comment karne ke liye bhi.:)
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