ये राते ..
ये मेरी साँसे बस तुम्हारे लिए..
तुम दूर हो तो क्या ..
ये सारी बातें बस तुम्हारे लिए..
गाती हूँ ग़ज़ल ,
लेकिन गुनगुनायुंगी ये गीत बस तुम्हारे लिए..
मेरी आँखों का सुहाना ख्वाब है तू,
लेकिन आँखों मे कटेगी हर रात बस तुम्हारे लिए,...
ये रिश्ते ये नाते है सबके लिए ,
लेकिन ये अहसास का सम्बंध तुम्हारे लिए ....
ये जिस्म है सिर्फ उसका ,
लेकिन इसमें बसी जान बस तुम्हारे लिए,...
पतझड़ का फूल हूँ मैं,
लेकिन बसंत की बहार हूँ बस तुम्हारे लिए..
धधकती लो हूँ शमा की मगर ,
पिघलता मोम हूँ बस तुम्हारे लिए...
मेरी मुस्कुराहटो पर ना जायो ,
इनमे छिपा हर अश्क बस तुम्हारे लिए..
बेवफा हूँ तो क्या हुआ,
ये वादा खिलाफी की मैंने बस तुम्हारे लिए...
ये राते ..
ये मेरी सांसे बस तुम्हारे लिए,...
तुम दूर हो तो क्या..
ये सारी बातें बस तुम्हारे लिए...[नीलम]
ये रोना ,ये हँसना ,ये सजना सवंरना ,ये गाना गुनगुना .....बस तुम्हारे लिए.-सुन्दर भावाभिव्यक्ति
ReplyDeletelatest postउड़ान
teeno kist eksath"अहम् का गुलाम "
बहुत सुन्दर और सार्थक पोस्ट!
ReplyDeleteसाझा करने के लिए आभार!