किसी की याद में
खामोश रह कर एसा लगता है
जैसे छू लिया हो आसमान
डूब गए हों समंदर की गहराईओं में
शबनम के कतरे को जैसे चख लिया हो
लगता है जैसे
जान लिया हो
अपने होने के अहसास को.
खामोश रह कर एसा लगता है
जैसे छू लिया हो आसमान
डूब गए हों समंदर की गहराईओं में
शबनम के कतरे को जैसे चख लिया हो
लगता है जैसे
जान लिया हो
अपने होने के अहसास को.
अपनी कलम से... बहुत सुन्दर रचना ,, बधाई ..
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