Ek koshish khud ke ahsaason se aapke ahsaason ko shabdon ke jariye chhoo lene ki...
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Monday, July 4, 2016
तुम रुठा ना करो
उफ़ .. मेरी धड़कने बढ़ने लगती हैं ,सांसे जमने लगती हैं , जिस्म पत्थर हो जाता है ,आँखें छलकने लगती हैं, देखो, यूँ इस कदर मुझसे तुम रूठा ना करो .....[नीलम] —
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