मै आज भी तनहा हू,
यकीन नही आता तो यकीन दिलाइये मुझे,
अब फ़िर से आये हो तो ,
एक बार फ़िर से जाकर बताइये मुझे,
अजब गम ज़दा हू मै, आज तक सहला रही हू जख्मो को
इक और नया जख्म दे जाइये मुझे,
मै बहा रही हू आज भी कतरा कतरा आसू,
हो सके इस बारिश से बचाइये मुझे,
बहुत दिनो से मै रास्ते का बेकार सा पत्थर हू,
अब तो मील का पत्थेर बनाइये मुझे,
मै चाहती हू अब तुम सोने कि मुझे दे दो इज़ाज़त ,
इस चिता से अब ना जगाइये मुझे ,
तुम बसे हो राज़ कि तरह आज भी मेरे दिल मे,
आप भी नीलम सा अब ना दुनिया से चुपाइये मुझे
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