Followers

Total Pageviews

Sunday, October 2, 2016

लफ्ज

तुम्हारे सारे लफ्ज पुरुष ही तो हैं जो शोर करते हैं भीड में
और मेरे लफ्ज स्त्री .जो खामोशी में भी सुनते है पसरा हुआ सन्नाटा
...नीलम..🙏

No comments:

Post a Comment