Ek koshish khud ke ahsaason se aapke ahsaason ko shabdon ke jariye chhoo lene ki...
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Tuesday, October 4, 2016
आदतन
आदतन मैं कुछ ना कुछ कहूँगा जरुर और आदतन तुम सुनोगी नहीं क्योंकि मुझे ताकती तुम्हारी आंखें बेमायना कर देती हैं मेरे सारे लफज़ों को और फ़िर मैं शब्द होते हुए भी हो जाता हूँ निशब्द ये हुनर बस तुम ही जानती हो *नीलम*
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